नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन का युवा सम्मेलन 7 जनवरी 2018 को जोधपुर में नए
अंदाज में कुछ इस प्रकार आयोजित हुआ कि पूरे शहर में यौवन का वातावरण हो गया।
इस
अभूतपूर्व कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए ऑल इंडिया रेल्वेमेंस फेडरेशन के
महामंत्री साथी शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि भारतीय रेल में होने वाले बदलाव, रेलों के विभिन्न कार्यों का निजीकरण करने की कवायद, नई पेंशन नीति मे पेंशन की गारंटी नहीं होना सहित अनेक ऐसी
चुनौतियाँ हैं, जिनका सीधा प्रभाव रेलकर्मियों पर पड़ने वाला है ऐसी
परिस्थियों में यह युवा सम्मेलन अपना विशेष महत्व रखता है।
उन्होंने कहा कि नॉर्थ
वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन ने सभी धर्म, जाति, केटेगरी के साथियों को साथ लेकर चलने की जो कार्यप्रणाली
विकसित की है उससे देशभर में इस यूनियन की एक अलग पहचान बन गई है। उन्होंने कहा कि
एआईआरएफ़ रेल कर्मचारियों की समस्याओं के
निपटारे के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। एनपीएस के अंतर्गत ग्रेच्युटी लाभ, मृत्यु पर पेंशन योजना, पुरानी पेंशन योजना
समान आदेश करना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, लेकिन सेवानिवृत्ति
पर पेंशन की गारंटी नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए हम सब को मिलकर प्रयास
करने है। उन्होंने कहा कि रनिंग स्टॉफ के एसपीएडी मामलों में सजा कम कराने, 30% एवं 55% रनिंग भत्ता
बरकरार रखवाने में एआईआरएफ़ ने महत्वपूर्ण सफलता अर्जित की है। ट्रेकमेंटेनर को ग्रेड
पे 2800 मे 10% एवं 2400 मे 20% पर करने के आदेश भी जारी कराने के प्रयास जारी हैं।
एआईआरएफ़ ने प्रस्ताव दिया है कि सभी कैटेगरी में भर्ती के कम से कम 10% पद एलडीसीई बनाकर सभी कैटेगरी के कर्मचारियों को
पदोन्नति का अवसर प्रदान किया जाए। इंजीनियर, तकनीशियन, हेल्पर/खलासी, को जोखिम भत्ता, इंजीनियर को ग्रेड पे 4800 एवं इनके पदों को
राजपत्रित बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर एआईआरएफ़ मजबूती के साथ डटी हुई है।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन एवं फिटमेंट फॉर्मूले में संशोधन सहित वेतन विसंगति
के मुद्दों को हल कराने के लिए हमें दबाव बनाना होगा। इसके लिए 29 जनवरी से 2 फरवरी 2018 तक के विरोध सप्ताह को मजबूती के साथ मनाने का
उन्होंने आव्हान किया।
कांफ्रेंस को मुख्य वक्ता के रूप मे संबोधित करते हुए
यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने कहा कि हमारी यूनियन ने निस्वार्थ रूप से, ईमानदारी से सभी के लिए प्रयास किए हैं। हम लोग संगठित रूप
से आगे बढ़े हैं यह उसी का परिणाम है कि इस रेलवे पर जो काम हमने हाथ में लिया है
उसे करने मे सफलता अर्जित की है। जीडीसीई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी
रेलवे में 2 वर्ष में 2 बार जीडीसीई का आयोजन नहीं हुआ है, सिर्फ इसी रेलवे पर ही हम करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि
हमारी टीम हर समय रेलकर्मियों के बीच रहती है। किसी भी कैटेगरी के कर्मचारी के साथ
दुर्व्यवहार और अन्य को हमने बर्दाश्त नहीं किया है और दोषी लोगों के खिलाफ
कार्यवाही कराई है चाहे वह राजपत्रित अधिकारी
हो या बाहरी लोग हों। उन्होंने कहा कि अनुभवी लोगों के साथ युवाओं एवं
महिलाओं को सक्रिय भागीदारी इस यूनियन की ताकत है। उन्होंने कहा कि यौवन के भविष्य
निर्माण के लिए हमें आगे आना होगा।
शाखा स्तर पर 7 जनवरी से 15 फरवरी तक सघन अभियान चलाकर गारंटीड पेंशन के लिए
प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड एवं हस्ताक्षर अभियान चलाना होगा। उन्होंने कहा कि
हमने बहुत कुछ किया और बहुत कुछ करना बाकी है। अलग-२ बंट गए तो कुछ नहीं कर
पाएंगे।
यूनियन अध्यक्ष भूपेंद्र भटनागर ने कहा कि इंजीनियरों को
राजपत्रित बनाने के मुद्दे पर एआईआरएफ़ लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि
कारखानों पर भारी खतरा है, भर्ती नहीं की जा
रही है, रोज़मर्रा के कार्य को ठेके पर देने से गुणवत्ता एवं
संरक्षा प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं ने समय-समय पर देश निर्माण
में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उनकी भावनाओं को इसी यूनियन ने समझा है और हर
शाखा में महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी हमने सौंपी है। इस यूनियन को ताकत देने का काम
युवा करेंगे एवं एनपीएस को लेकर चलाये जाने वाले अभियान को सफल बनाएँगे इसकी
उम्मीद उन्होंने जताई। कांफ्रेंस का सफल एवं योजनाबद्ध तरीके से संचालन सहायक
महामंत्री राणा पूरणचंद्र दीपसिंह ने किया।
यूथ कांफ्रेंस में साथी आशा खींची, देवेन्द्र शर्मा, शशिकांत परिहार, कमलेश कुमार, अनूप त्रिवेदी, मोइन हुसैन, नेहा गुर्जर, मान सिंह गांगुली आदि ने भी अपने विचार रखे। कांफ्रेंस की
शुरूआत में साथी कांफ्रेंस की शुरूआत में बाबूलाल चंदोरा, लाखान सिंह, कैलाश, महेश सिंह राठौड, भानुप्रकश, संतोष व अन्य
साथियों ने यूनियन गीत एवं जोशीले गीत ‘यह देश है वीर
जवानों काङ्क गाकर जोश भर दिया। कांफ्रेंस का साथी शिवगोपाल मिश्रा, मुकेश माथुर, भूपेंद्र भटनागर, अनिल व्यास, मनोज परिहार आदि ने
माँ सरस्वती, कॉ. उमरावमल पुरोहित, कॉ. जे. पी. चौबे
के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर आगाज किया।
इससे पूर्व मण्डल यूनियन कार्यालय से लगभग डेढ़ हजार युवाओं
की विशाल रैली शहर के विभिन्न मार्गों से निकली गई। जोधपुरी साफा बांधे
रेलकर्मियों का जोश और जुनून देखते ही बनता था। शहर के लोगों में यह रैली चर्चा का
विषय रही एवं जोधपुर के सभी समाचार पत्रों में अगले दिन प्रमुख खबर बनी। रैली में
साथी शिवगोपाल मिश्रा, मुकेश माथुर, भूपेंद्र भटनागर, अनिल व्यास, मनोज परिहार, राणा पूरणचंद
दीपसिंह, अरुण गुप्ता, आर के सिंह, विनीत मान, महेन्द्र व्यास, मोहन चेलानी, प्रमोद यादव, मुकेश चतुर्वेदी, रामनिवास चौधरी, बजरंग सिंह, समुंदर सिंह, मीना सक्सेना, सारिका जैन, आशा खींची, रामलाल मीना, राजेंद्र राव, गिरधारी मंडाड के
नेतृत्व में युवा एवं रेलकर्मी यूनियन का गौरव बढ़ा रहे थे।
युवा एवं महिलाओं में रैली के दौरान प्रतीक पँवार, के के सेठी, प्रेम कुमार सैनी, आशीष खन्ना, अनिल गौड़, निहारिका, लक्ष्मी, कैलाश सोलंकी, विभोर मिश्रा, भारतेन्दु शर्मा, सोनल माथुर, चाँदनी सिंघल, उत्तम बाथरा, अनिल सिंह, चंदरूराम, बलदेव सिंह, तरुण सैनी, मधु जिंदल, अंजुमन पठन, स्नेहलता पुरोहित, संतोष, प्रतीक्षा माथुर, विद्या आदि के
नारों ने जोधपुर शहर एवं आयोजन स्थल को गुंजायमान कर दिया।
कांफ्रेंस का आयोजन एवं भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था साथी
राणा पूरणचंद दीपसिंह के नेतृत्व में जोधपुर कार्यशाला के साथियों ने सफलतापूर्वक
की। इस आयोजन को सफल बनाने में शाखा अध्यक्ष महेन्द्र शर्मा, प्रद्युम्न सिंह, अरविंद, गुलजार अहमद, गजेसिंह, ब्रिज मोहन शर्मा, मदन गुर्जर, कमल किशोर, मूलाराम, नाथ सिंह जोधा, मुकेश, मोईन हुसैन, रमेश गोयल, विनोद, राकेश बोरा, सोभाग सिंह, प्रेम प्रकाश, हरि नारायण, सतेन्द्र मेघवाल, विजय किशन, राजेंद्र सिंह, प्रतीक जांगिड, राहुल, रवीद्र सिंह, पवन, दीपक भाटी, बाबूलाल चंदोरा, लाखान सिंह, कैलाश, महेश सिंह राठौड, भानुप्रकाश, संतोष व सुशील ने
शानदार फोटोग्राफी में भरपूर योगदान रहा। का भरपूर योगदान रहा।